Grand Master Robo
स्थान : Grand Master Robo का नया ICU
रोबो बेड पर लेटा हुआ है…. डॉक्टर चारो तरफ़ से रोबो को बचाने की कोशिश कर रहे है…. रोबो की बॉडी इंसानी और मशीनी दोनो धीरे धीरे रेस्पॉन्स देना बंद कर रही है…
आधी मशीन होते हुए भी रोबो है तो एक बाप ही… उसकी बूढ़ी आँखे आसपास अपनी बेटी को ढूंढ रही है… पर वो रोबो की जान बचाने के लिए वहां से दूर किसी फ़ॉर्मूले को ढूँढने गयी हुई है….
लगता है आज एक बाप को मरते समय अपनी बेटी को अंतिम बार देखना भी नसीब ना होगा…. कहते हैं मरते समय इंसान की आँखो के सामने उसका पूरा जीवन आ जाता है…. अभी रोबो की आँखों के आगे भी उसकी जीवन की सारी घटनाए आने लगी… उसे याद आया उसका बचपन… वो अपने पिता के साथ है…
रोबो के पिता एक कुर्सी पर रोबो को गोद में बैठा कर उसे एक कॉपी पर ABC लिखना सिखा रहे थे.. एक छोटा सा मासूम सा बच्चा.. दिखने में इतना नाजुक कि आप ख़ुद उसे सम्भाल के उठाओ… एक काग़ज़ पर अपनी अटपटी लकीरें खींचकर वहां से भागा भागा अपनी माँ के पास जाता है…
रॉबर्ट : मम्मी मम्मी… देखो मैंने क्या लिखा…
मिसेज शीन : दिखाओ तो… अरे वाह… हमारा बेटा तो बड़ा हो गया… अब तो इसे पढना लिखना भी आ गया….
तभी वहां मिस्टर शीन आते है और अपनी वाइफ़ को बोलते है…
मिस्टर शीन : चलो ना अभी पार्टी में भी जाना है…
मिसेज शीन : हाँ बस तयार हूँ.. चलो… मैं रॉबर्ट की नैनी को समझा के आयी….
मिसेज शीन रॉबर्ट की नैनी को सारे इन्स्ट्रक्शन देती है और मिस्टर एंड मिसेज़ शीन वहाँ से बाहर निकलते है…. उनका घर हवेली नुमा बहुत बड़ा होता है… बाहर उनकी महँगी गाड़ी उनका वेट कर रही है… वो उसमें बैठकर वहां से निकल लेते है… रॉबर्ट अपनी नैनी के साथ उन्हें बाई बाई बोलने बाहर तक आता है… और वो उनकी गाड़ी को दूर तक जाते हुए देखता है….
मिस्टर शीन इंगलैंड के बहुत बड़े बिजनेसमैन है… उनकी गिनती वहाँ के top 10 रईसो में आती है… वो अपने बेटे और बीवी से बहुत प्यार करते है…
उसके बाद जो अगली बात याद है… रॉबर्ट एक बड़े कमरे में सोफ़े पर बैठा हुआ है… छोटा सा बच्चा.. उसे समझ भी नहीं आ रहा की आसपास क्या हो रहा है… उसकी नैनी उसे गोद में लेके बैठी है… उसके माता पिता किसी दुर्घटना में मर जाते है… वहाँ उनके अंतिम संस्कार के लिए काफ़ी लोग इकठ्ठा है… रॉबर्ट अपने माता पिता को कॉफिन में देखता है… पर उस उम्र में उसे क्या पता क्या जीवन क्या मृत्यु… उसे लगता है जैसे वो सो रहे है… वो उन्हें गुडनाईट किस देता है… और नैनी उसे वहाँ से ले जाती है… तभी एक वक़ील आकर नैनी को बोलता है…
वक़ील : मिस्टर शीन की सारी प्रॉपर्टी का वारिस अब सिर्फ़ रॉबर्ट ही है… लीगली इसके 18 वर्ष के होने तक कोर्ट किसी को केयरटेकर बना देगी.. और तुम रॉबर्ट की देखभाल करो… रॉबर्ट का ख़र्चा और तुम्हारी सैलरी हर महीने तुम्हें मिलती रहेगी…
समय बीतता गया… रॉबर्ट अब स्कूल में जाने लगा था…. रॉबर्ट का इंट्रेस्ट पढाई में तो काफ़ी अच्छा था पर वो खेल कूद में कुछ ज़्यादा ही रुचि रखता था… वो एक ज़िन्दादिल लड़का था और उसमें एनर्जी बहुत थी. जो उसे एक अच्छा खिलाड़ी बनाती थी… वो अपनी फुटबाल टीम में काफ़ी फ़ेमस था….लेकिन अपने आप को अकेला महसूस करता जब सबके पेरेंट्स मैच देखने आते… वो भीड़ में किसी को ढूंढता पर वहाँ कोई नहीं था जो उसके लिए आए…पर फिर भी कोई था जो उसके चेहरे पर एक मुस्कान ले आती थी…. cheerleaders में एक लड़की सिलविया जो रॉबर्ट को दूर से फ़्लाइइंग किस देती थी… और रॉबर्ट भी अपने चेहरे पर स्माइल के साथ प्रतिक्रिया देता है…मैच के दौरान दोनो एक दूसरे से लगातार इशारो में बात करते थे… मैच ख़त्म होता है… मैच के एंड में रॉबर्ट गोल करके अपनी टीम को जिता देता है…. सभी रॉबर्ट को कंधो पर उठाकर ट्रोफ़ी कलेक्ट करने पहुँचते है… टीम कैप्टन होने के नाते… ट्रोफ़ी कलेक्ट करता है…
मैच के बाद : स्टेडियम से बाहर… सिलविया रॉबर्ट के पास आती है… और उसे किस करके बधाई देती है…
सिलविया : हे congrats , वंडर बॉय… आज की हमारी जीत शानदार थी…
रॉबर्ट : थैंक्स सिलविया… ये तुम्हारे बिना शायद ना होता….
सिलविया : अरे वो छोड़ो… रात को पार्टी में आ रहे हो….?
रॉबर्ट : हाँ पक्का…
जब रॉबर्ट घर पहुँचता है.. वहाँ वक़ील और कुछ लोग उसका इंतज़ार कर रहे होते है…
रॉबर्ट : अंकल आप यहाँ…
वक़ील : हाँ बेटा आना पड़ा… एक प्रॉब्लम आ गयी है…
रॉबर्ट : क्या हुआ अंकल…?
वक़ील : असल में बात ये है की… कम्पनी के अकाउंट्स में एक बहुत बड़ा फ़्रॉड हुआ है… और कम्पनी के अकाउंट्स से काफ़ी money laundering की ट्रैंज़ैक्शन भी हुई है… इसके कारण कोर्ट ने सभी बिजनेस और प्रॉपर्टी को सीज़ करने का ऑर्डर दिया है…
रॉबर्ट : मतलब…
वक़ील : अब तुम्हें भी ये घर खाली करना होगा… ये बैंक के लोग है… ये इसे सीज़ करने आए है….
रॉबर्ट के पैरों तलो से ज़मीन निकल जाती है… उससे पता भी नहीं अब वो क्या करेगा कहा जाएगा…. वो अपने कमरे में जाकर अपने कपड़े सूट्केस में डालने लगता है..और कुछ ज़रूरी सामान लेता है… तभी बैंक वाले आकर उसे रोक देते है…
बैंक एजेंट :मिस्टर शीन आप यहाँ से कुछ नहीं ले जा सकते… ये सारी प्रॉपर्टी अब सीज़्ड है…
जवान ख़ून होने के कारण… रॉबर्ट को ग़ुस्सा आया पर उसने अपने आप पर कंट्रोल किया.. और साइड में हो गया…
उसकी आँखो के सामने… उसके घर को ताला लगाकर सील कर दिया… वो खाली हाथ अकेला सड़क पर खड़ा रह गया… जो ट्रोफ़ी वो आज जीत के लाया वो भी घर के अंदर बंद थी… आज उसके पास कुछ नहीं बचा था…
अपना कहने को कुछ नहीं था… बस सिर्फ़ एक दोस्त बची थी… सिलविया… वो चल देता है सिलविया के घर की तरफ़… अब ना उसके पास कार थी और ना ही कोई बाइक… वो पैदल ही चलने लगता है…. काफ़ी चलने के बाद वो सिलविया के घर के बाहर पहुँचता है… वहाँ पार्टी पूरे ज़ोरों से चल रही थी.. स्कूल के सीनियर year के सभी वहाँ पार्टी एंजोय कर रहे थे… रॉबर्ट के वहाँ पहुँचते ही.. सब लोग ख़ुशी से रॉबर्ट को देख चिल्लाते है… रॉबर्ट अवर हीरो… हिप हिप….. hurrayyy…..
रॉबर्ट उन्हें देख थोड़ा मुस्करता है… और अंदर आकर एक फ़्रूट जूस लेता है…. उसके एक दो सिप लेकर एक से पूछता है..
रॉबर्ट : where is silviya…?
फ़्रेंड : do’nno bro just checkout she would be here only…
रॉबर्ट उसे देखता है पर वो फ़्लोर पर कही नहीं होती… तभी एक लड़की बोलती है..की उसने उसे ऊपर जाते देखा है…
रॉबर्ट ऊपर पहुँचता है… वह एक कमरे के अंदर से कुछ आवाज़ें आ रही होती है… वो उन आवाज़ों को पहचानता है… ऐसी आवाज़ें सिलविया निकालती है जब वो उसके साथ make out करती थी… पर अभी वो किसके साथ है… वो दरवाज़े का लीवर प्रेस दरवाज़ा अंदर की और धकेलता है… दरवाज़ा खुला हुआ है… वो अंदर का दृश्य देख कर… भाग कर नीचे आ जाता है…
नीचे आकर वो सोफ़े पर बैठ जाता है… ज़िंदगी में पहली बार वो ख़ुद को इतना असहाय महसूस करता है… बैठे बैठे उसकी आँखों से आँसू गिरने लगते है… ज़िंदगी में पहली बार दिल का जलना महसूस किया… जब उसके माँ बाप मरे तब उसे पता ही नहीं था की क्या हुआ… पर आज वो सब कुछ समझ सकता है…
उसी समय बग़ल से कुछ स्टूडेंट्स का एक ग्रूप कुछ शराब की बोतलें लेके आया… और एक ग्लास रॉबर्ट को ऑफ़र की… रॉबर्ट ने पहली बार शराब के गिलास को पकड़ा और 3-4 पेग पी गया… कुछ देर बाद उसे पता नहीं क्या हुआ… उसने एक बोतल उठाई और वो ऊपर की ओर जाने लगा….
उसने रूम का दरवाज़ा एक झटके से खोला… जिससे सिलविया और उसके साथ जो लड़का था वो घबरा कर दरवाज़े की तरफ़ देखने लगे… सिलविया रॉबर्ट के देख कर डर गयी… और उसे कुछ एक्स्क्यूज़ देने लगी…पर रॉबर्ट पर ना जाने क्या जुनून सवार हो गया था… उसने कुछ नहीं सुना और सीधे जाकर बॉटल को उसके सिर पर मार दिया… इतनी ज़ोर से टकराने से बॉटल तो टूट कर चारों ओर बिखर गयी… साथ ही उस लड़के का सर फट गया… और कुछ ही देर में वो मर गया….|
इसके बाद रॉबर्ट वही बैठ गया और सिलविया ने भाग कर अपने कपड़े पहने तथा पुलिस को बुला लिया….
रॉबर्ट को वहाँ से पुलिस ले जाती है…. उसके हाथों में हथकड़ी है |
इस समय रॉबर्ट की लाइफ़ से अलग एक और शख्स है… जो अपनी बिल्डिंग के top floor के ऑफ़िस की काँच की खिड़की पर खड़ा वाइन के गिलास को अपने हाथ में हल्के से हिलाते हिलाते बाहर देख रहा है, धीरे से ग्लास से वाइन की ख़ुशबू सूंघता है और एक सिप लेकर उसके टेस्ट को एंजोय करता है… और फिर धीरे से पीते हुए पीछे की तरफ़ घूमता है…|
महँगा ग्रे सूट पहने वो किसी बहुत बड़े बिजनेसमैन जैसे दिख रहा था… उसका ऑफ़िस काफ़ी शानदार था.. उसके बग़ल में उसकी सेक्रेटरी वाइट शर्ट ब्लैक पेनसिल स्कर्ट रेड हाई हील में खड़ी थी… मुड़ कर वो 3 माफ़िया टाइप लोगों को बोलता है…
“तुम लोग मुझे जानते हो… एल्बर्ट नाम है मेरा… पूरे इंग्लंड का किंगपिन हूँ मैं… और तुम मेरे लिए काम करते हो… यहाँ तुम एक पुलिस वाले से परेशान होकर मेरा टाइम ख़राब करने चले आए…”
सेलवानो : पर बॉस उसके वजह से हम काम नहीं कर पा रहे..
तभी सेलवानो का फ़ोन बजता है… वो फ़ोन सुनकर एल्बर्ट की तरफ़ देखता है…
सेलवानो : वो एक ऐक्सिडेंट में मर गया…
ऐल्बर्ट : अगली बार से अपनी प्रॉब्लम ख़ुद सॉल्व करना… मैं हर बार तुम्हारा काम नहीं कर सकता…
सेलवानो वहाँ से बिना कुछ बोले चला गया…
रॉबर्ट को जेल में ले जाया गया… बस से उतरकर कर पुलिसवालों के साथ उसने जेल के अंदर एंटर किया… जेल में सभी एक नए मेम्बर को एंटर करते देख रहे थे… रॉबर्ट चारों तरफ़ ख़तरनाक क्रिमिनल्ज़ को देख रहा था…
रॉबर्ट को 7 साल की सज़ा हुई थी पर उसके अच्छे व्यवहार को देखते हुए उसे 5 साल बाद रिलीज़ कर दिया गया…
जेल में गुज़रा हर एक पल उसके लिए एक सीख थी… सारी ज़िंदगी जिसके लिए नौकरो ने काम किया… वहाँ सारे क्रिमिनल्ज़ के बीच उसे रहना करना बहुत मुश्किल था.. पर उसने किया…
जेल से निकल कर वो उसी जगह वापिस आ गया जहाँ उसने जेल में जाने से पहले छोड़ा था… वो फिर अकेला था लेकिन इस बार ख़ाली हाथ… और इस बार उसका प्यार भी नहीं था….
लेकिन नहीं…. शायद अभी भी कोई था… जो आज जेल के बाहर उसका इंतज़ार कर रही थी… उसकी बूढ़ी नैनी…
रॉबर्ट : नैनी आप यहाँ ? किसे मिलने आयी हो…?
नैनी : अपने बेटे को लेने आयी हूँ… मुझे पता चला तुम्हारे जेल जाने के बाद… तब से इंतज़ार कर रही हूँ… आज पता चला तुम छूट रहे तो तो लेने आ गयी…
रॉबर्ट : लेकिन आपने तकलीफ़ क्यूँ की…
नैनी : तुम्हें बचपन से पाला है मैंने… तुम्हारे माँ बाप की मृत्यु के बाद तुम्हें अपने बेटे की तरह रखा है… आज अगर ना आती तो पता नहीं तुम कहाँ चले जाते… और फिर मैं ढूंढ भी नहीं पाती… अब इस बूढ़ी को इस उम्र में और कितना परेशान करेगा… चलो घर…
रॉबर्ट के पास और कोई आप्शन था भी नहीं तो वो नैनी के साथ चल देता है…
लगभग 2 घंटे के बाद दोनो एक पुराने घर के सामने पहुँचते है… घर को देख कर लगता था के वो काफ़ी साल पहले बना होगा… शायद नैनी के पैदा होने से भी पहले… बाहर से देखने से पूरा पत्थर का बना था इसलिए रेगुलर देखभाल ना होने के बाद भी अच्छा दिखता था… लेकिन गार्डन पूरा उजड़ा हुआ था… सारे पेड़ पौधे मुरझाये हुए थे.. पर जितना बाहर से ठीक दिख रहा था अंदर से उतना ही बुरा हाल था…
हॉल में बस एक कुर्सी थी… वो उस पर जाकर बैठ गया… पूरे घर में सिर्फ़ नाम मात्र का सामान था…जहाँ दुनिया में सैटलायट टी॰वी॰ और इन्टरनेट चल रहे थे… वहाँ अभी भी एक पुराना रेडियो था,,,
नैनी : हाँ पता है तुझे आदत नहीं ऐसे रहने की… पर इस बुढ़िया के पास और कुछ नहीं है… तुम्हारे जेल जाने के बाद सारी प्रॉपर्टी लाम हो गयी… इस बुढ़िया का वहाँ क्या काम बचा था. तो मेरी नौकरी भी गयी.. उसके बाद काफ़ी ट्राई किया पर कहीं और मिली नहीं… बस तब से सोशल सिक्योरिटी का जो अलाउंस मिलता है उसी से गुज़रा कर लेती हूँ…तुम बैठो मैं चाय लाती हूँ
रॉबर्ट : ठीक है…
रॉबर्ट रोज़ घर से निकलता और काम की तलाश करता… परंतु एक उसकी पढ़ाई पूरी ना होने के कारण और उसके अतीत को देखते हुए कोई भी उसे काम नहीं देता… वो रोज़ कोशिश करता पर कुछ नहीं मिलता… और इस तरह दिन निकलने लगे.. वो कुछ छोटा मोटा काम कर नैनी के साथ दिन निकालने लगा..
एक दिन जब वो वापिस घर आया… उसने देखा नैनी ज़मीन पर पड़ी है…. पास जाकर देखता है वो अभी ज़िंदा थी…
रॉबर्ट : क्या हुआ.. आँखे खोलो…
वो उसे उठाने की कोशिश करता है पर कोई फ़ायदा नहीं…
कुछ देर बाद वो हॉस्पिटल में थे..
डॉक्टर : रॉबर्ट देखो इन्हें हार्ट अटैक आया है…और अभी इनके इंश्योरेंस की लिमिट पूरी यूज़ करने के बाद भी 2000 पाउंड्ज़ और लगेंगे… तुम इसका इंतज़ाम करके जमा करा दो.. फिर ऑपरेशन कर सकते है…
रॉबर्ट : ठीक है डॉक्टर. मैं कुछ करता हूँ…
वो वहाँ से निकला… उसने बोल तो दिया पर उसे समझ नहीं आ रहा था की वो कहाँ जाए क्या करे… वो घर जाकर देखता है… पिछले कुछ महीने काम करने के बाद अभी उसके पास कुछ 50-60 पाउंड्ज़ हे पड़े थे..
उम्मीद ना होने के बाद भी वो हर सम्भव दरवाज़ा खड़खड़ाता है जहाँ से उसे मदद मिले पर.. कोई उसकी हेल्प नहीं करता….
रॉबर्ट पूरी तरह से हताश होकर सड़क किनारे खड़ा है… अपनी मजबूरी और एक आखिरी इंसान जिसे वो परिवार बुला सकता था वो धीरे धीरे मौत की तरफ़ बढ़ रही थी… तभी वहाँ थोड़ी दूरी पर एक कार आकर रुकती है, बग़ल में क्लब में से एक आदमी एक पैकेट देकर चला जाता है… , ये सब रॉबर्ट देखता है… गाड़ी में बैठा हुआ उस पैकेट को खोलकर देखता है उसमें बहुत सारे नोट्स है… लगभग 3000 पाउंड्ज़ होंगे…
राबर्ट् उसे देख सोचता है… “आज मुझे इन पैसों की ज़रूरत इस से बहुत ज़्यादा है.” और पता नहीं क्या होता है वो गाड़ी वाला गाड़ी से निकल कर फ़ोन पर बात करते करते थोड़ी दूर जाता है… और मोके का फ़ायदा उठा कर रॉबर्ट उस पैकेट को उठा कर वहां से भाग जाता है… जैसे ही वो भागता है… गाड़ी वाले के साथी उसका पीछा करते है… लेकिन काफ़ी दूर तक जाने के बाद भी रॉबर्ट को पकड़ नहीं पाते… और वापिस आकर अपने बॉस को बोलते है… “वो भाग गया बॉस… पर एक आदमी ने उसकी शक्ल देख ली… हम उसे ढूंढ लेंगे”
ऑपरेशन थिएटर की लाइट चालू है… डॉक्टर अंदर नैनी को बचाने की कोशिश कर रहे है… बाहर रॉबर्ट बैठा था.. दिखने में शांत पर उसके ज़हन में तूफ़ान चल रहा था… सारी ज़िंदगी उसने वो सब किया जो सही था… पर बदले में उसे क्या मिला.. उसके माँ बाप मर गए… सारी ज़िंदगी अकेले बितानी पड़ी…. उसका प्यार भी धोखेबाज निकला… समाज में कोई उसे ऐक्सेप्ट नहीं कर रहा… और आज उसकी लाइफ़ से उसके परिवार की आख़िरी सदस्य भी जाने वाली थी… एक छोटे से जुर्म ने उसे एक मौक़ा दिया…
वो ठान लेता है… अच्छा बुरा…अब वो कुछ भी करेगा लेकिन जो उसे ठीक लगेगा….
तभी डॉक्टर बाहर आकर बोलता है… अब घबराने की ज़रूरत नहीं… ऑपरेशन कामयाब रहा.. अभी इन्हें आराम की ज़रूरत है… थोड़ी देर में रूम में शिफ़्ट कर देंगे… 4-5 दिनो में आप इन्हें घर ले जा सकते है…
रॉबर्ट : Thankyou डॉक्टर…
रॉबर्ट दूर से नैनी को देख थोड़ा ख़ुश होता है…
कुछ दिनो में नैनी भी घर आ गयी… और रॉबर्ट भी छोटे मोटे क्राइम करने लगा…
हालाँकि वो एक खिलाड़ी था और उसकी एनर्जी उसका काफ़ी साथ भी देती… धीरे धीरे.. उसकी निडरता और जाँबांजी के कारण एरिया के कई छोटे मोटे गुंडे उसे अपना गुरु मानने लगे…
पर उसे क्या पता था की उसकी इस क़ाबलियत की वजह से किसी और के काम पर असर पड़ रहा था…
सेलवानो : क्या हुआ विल्यम तुम्हारे एरिया से कलेक्शन कम क्यूँ हो रहा है…
विल्यम : बॉस एक नया लड़का आया है एरिया में… मेरे काफ़ी लड़के भी अब उसके साथ हो गए है…
सेलवानो : और तुम ये बात मुझे अब बता रहे हो… अब क्या तुम धंधा बंद होने का इंतज़ार कर रहे थे ?
विल्यम : नहीं बॉस, वो मैं उसकी थोड़ी जानकारी इकट्टा कर रहा था… पर मुझे कुछ ज़्यादा पता नहीं चला… बट इतना की वो यहाँ नया है… पहले किसी ने उसे देखा नहीं…|
सेलवानो : तो वो आया कहाँ से है और कहा रहता है..?
विल्यम : आया कहाँ से ये तो पता नहीं चला पर एक बुढ़िया के साथ रहता है… और मेरे एक आदमी ने बताया आपकी गाड़ी से पैसे चुराने वाला भी यही था…
सेलवानो : ओह जो मेरे से पैसे लेकर भाग सकता है.. बंदा काम का होगा… जाओ उसे बोलो हमने याद किया है…
विल्यम वहाँ से निकलकर रॉबर्ट के पास पहुँचता है…
विल्यम : रॉबर्ट तुम्हारे लिए एक अच्छी ख़बर है…
रॉबर्ट : क्या तुम ये शहर छोड़ कर जा रहे हो…?
विल्यम : नहीं इतनी अच्छी नहीं… तुम्हें चीफ़ ने याद किया है…
रॉबर्ट : कौन चीफ़…?
विल्यम : चीफ़ माफ़िया सेलवानो… गॉड फ़ादर…
रॉबर्ट : ओह सेलवानो…. पर वो मुझसे क्या चाहता है…
विल्यम : तुम्हारी चर्चा उन तक पहुँची है तभी उन्होंने तुमसे मिलने को बोलने को कहा….
रॉबर्ट : अच्छा… तो तुम उनसे जाकर बोलदो… रॉबर्ट अभी चाय पीने में बिज़ी था… उसके पास टाइम नहीं है.. खोटी करने को…
विल्यम सेलवानो को सारी बात डिटेल में बताता है.. और कुछ देर बाद वहाँ सेलवानो अपने आदमियों के साथ पहुँचता है…
विल्यम : रॉबर्ट ये इस एरीया के माफ़िया चीफ़ गॉडफादर सेलवानो है… ये चाहते है… की तुम इनके लिए काम करो और अपने गैंग को इनके गैंग से मिला दो, तुमको…..
रॉबर्ट (बीच में काटते हुए) : रॉबर्ट किसी के लिए काम नहीं करता, शेरों के ऊपर भला कौन हुकूमत कर पाया है…
और रॉबर्ट वहाँ से चल देता है…
वहाँ सेलवानो का एक और साथी बोलता है : आदमी ख़तरनाक लगता है सेलवानो…
सेलवानो : अभी तो नहीं पर भविष्य में ये हमारे लिए ख़तरनाक बन सकता है, इसलिए मिटा दो इसे और इसके टटपूँजिए गैंग को.. ऐसी मौत मारो इन्हें जो औरों के लिए भी सबक़ साबित हो…
और फिर ख़ून की होली खेली गई, सेलवानो के लेटेस्ट हथियारों से लेस आदमियों ने रॉबर्ट गैंग के अड्डे पर बिना चेतावनी के धावा बोल दिया… रॉबर्ट के साथी इसके लिए तैयार नहीं थे और सारे मारे गए… पर उन्हें वहाँ रॉबर्ट नहीं मिला…
वो वहाँ से रॉबर्ट के घर की तरफ़ चल दिए… वहाँ उन्होंने ने घंटी बजायी… दरवाज़ा खुलते ही… अंधा धुँध गोलियों की बौछार कर दी… थोड़ी देर बाद देखा तो वह नैनी थी… जो अनगिनत गोलिया लगने से वहीँ मर गयी…
रॉबर्ट ने भी ये देखा पर शायद ये समय शोक़ मनाने का नहीं वहाँ से निकलने का था और उसने वही किया… लेकिन सेलवानो के आदमियो ने उसे वहाँ से निकलते देख लिया और उसका पीछा करने लगे.. वो गोलियाँ चला रहे थे.. पर रॉबर्ट भी अचूक निशानेबाज़ था.. उसकी हर एक गोली अपना शिकार तलाश करती जा रही थी.. और सेलवानो के आदमियों की तादाद तेज़ी से कम होती जा रही थी… एक अकेला आदमी सेलवानो के लिए ख़तरा बनता जा रहा था..
जब रॉबर्ट बाक़ी लोगों से लड़ने में व्यस्त था.. उसी समय सेलवानो ने मौक़े का फ़ायदा उठाया की रॉबर्ट का ध्यान उस तरफ़ नहीं है… और उसने एक शक्तिशाली bomb को उस ओर उछाल दिया…
उस bomb ने रॉबर्ट को निशाना बनाया… रॉबर्ट को मरा जान सेल्वानो गैंग वहां से निकल गए….
पर शायद रॉबर्ट के अंदर किसी कोने में थोड़ी से जान बाक़ी थी जो उसके आधे बचे हुए शरीर की साँसे चला रही थी…
पुलिस ने रॉबर्ट की बॉडी को हॉस्पिटल भेज दिया… जहाँ क़िस्मत से ये केस मिला डॉक्टर शिल्डेर को… डॉक्टर शिल्डेर डॉक्टर होने के साथ रोबोटिक्स में भी एक्स्पर्ट थे उनकी दिलचस्पी कृत्रिम अंग बनाना और उनका प्रत्यरोपन करने में थी.. जब शिल्डेर ने रॉबर्ट को देखा तो वो बुरी तरह क्षत विक्षत हो चुका था, बचने की उम्मीद नहीं थी…
लेकिन रोबो के शरीर में अटकी हुयी जान और चलती हुयी साँसों ने शिल्डेर को वो तरीक़ा आज़माने पर मजबूर कर दिया जो अभी तक टेस्ट भी नहीं किया गया था… कृत्रिम मशीनी अँगो के प्रत्यारोपण का तरीक़ा…
शिल्डेर ने उस दिन काफ़ी मेहनत की… और रॉबर्ट का एक तरफ़ का पूरा हिस्सा उसने मशीनो से बदलकर उसे आधा रोबोट ओर आधा इंसान बना दिया…
ऑपरेशन के बाद अब इंतज़ार था नतीजे का…क्योंकि किसी को पता नहीं था की मशीनी अंग रॉबर्ट पर क्या असर डालेंगे…
रॉबर्ट ठीक ऐसे ही आज भी अपनी मौत के आगे ICU में ऐसे ही पड़ा हुआ है… आज उसने अपनी पूरी ज़िंदगी गुजारकर… उसी मुक़ाम पर खड़ा हो गया… तब वो सब कुछ खो चुका था… और आज भी उसकी बूढ़ी आँखे अपनी बेटी नताशा को ढूंढ रही थी…
कहानी अभी जारी है ......
Author sid
10-Dec-2022 06:07 PM
Next part kab ayega
Reply
🤫
25-Nov-2021 07:39 PM
Intresting
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